ग्लोबल पाथफील्डस और फ्रेशेनियस मेडिकल केयर इंडिया का साझा कार्यक्रम किडनी किड कार्यशाला का आयोजन
ग्लोबल पाथफील्डस और फ्रेशेनियस मेडिकल केयर इंडिया का साझा कार्यक्रम किडनी किड कार्यशाला का आयोजन।
एस. ज़ेड. मलिक
सहारा सन्देश टाइम्स
नई दिल्ली 24 दिसम्बर -इांडिय हैबिटेड सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली में ग्लोबल पाथफील्ड्स एवं फ्रेशेनियस मेडिकल केयर द्वारा “किडनी किड” गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) और गुर्दा स्वस्थ्य रखने के लिये जागरूकता कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे दिल्ली के कुछ सरकारी स्कूलों और गैर सरकारी संस्थाओं जैसे आंगनबाड़ी और आशा होम, भारत स्कॉउट्स के बच्चों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विशेष अतिथि, प्रवक्ता अतिथि के रूप में आमंत्रित गणमान्य विशेषज्ञों ने किडनी की सुरक्षा एवं खान पान , रहन सहन वक्तव्य दिए। वहां विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित आईसीएमआर के पूर्व अतिरिक्त डीजी एवं मेदांता अस्पताल गुरुग्राम हरियाणा के मुख्य सलाहकार डॉ.पदम सिंह, ने जहां किडनी की सुरक्षा के प्रति कार्यशाला उपस्थित श्रोताओं को सचेत रहने के साथ साथ परिवार वालों को निस्वार्थ और निर्भय हो कर अपनों को किडनी दान करने की सलाह दी, उन्होंने कहा अपनी एक किडनी दान करने से शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नही पड़ता, शरीर स्वस्थ्य रहता है, व्यक्ति अपने बेहतर खान पान और रहन सहन के प्रति सचेत रहे। वहीं प्रवक्ता अतिथि के रूप में आमंत्रित मुम्बई महाराष्ट्र के “यूनिसेफ” इंडिया हेड कॉर्डिनेटर हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. खनिन्द्र कुमार भुइयां एवं मानेसर फोर्टिस के हेड नेफ्रोलॉजिस्ट, सीनियर कंसल्टेंट, रेंटल ट्रांसप्लांट मेडिसिन डॉ. साहिल बागी, अमृता हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांटेशन डॉ. कुणाल राज गांधी, फ्रेशेनियस मेडिकल केयर के इंडिया यूनिट के प्रबंधकीय निर्देशक एवं एफएमई के राष्ट्रीय प्रबंधक डॉ. भास्कर गुहा एवं एफएमई इंडिया के मार्केटिंग मैनेजर श्रीमती बिजल पांचाल, कम्पनी सेक्रेटरी-अंकुर गर्ग, ने इस अवसर पर बच्चों में किडनी की सुरक्षा और खान-पान , रहन-सहन को बेहतर बनाने की सलाह दी। इस अवसर पर समाज को जागरूक करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से अनुभवी डॉक्टरों और मेडिकल सोशल वर्करों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कार्यशाला में उपस्थित श्रोताओं और बच्चों को किडनी रोग के प्रति सचेत रहने एवं किडनी रोगमुक्त रहने के लिये बेहतर सुझाव साझा किए।
इस कार्यक्रम के आयोजक एवं संयोजक ग्लोबल पाथफील्डस के फाउंडर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव कुमार जोशी ने संस्था का परिचय कराते हुए कहा
यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो सतत विकास लक्ष्यों (जैसे शिक्षा, स्वस्थ्य, आजीविका, जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहा है। इसका कार्य क्षेत्र दिल्ली, हररयाणा और मध्य प्रदेश में फैला हुआ है। उन्होंने ने इस कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए कहा
• गैर-संचारी रोगों और गुर्दा रोगों की व्यापक समझ को विकसित करना।
• परियोजनाओं की उपलब्धियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना। उन्होंने कहा “ग्लोबल पाथफील्ड्स, फ्रेशेनियस मेडिकल केयर के सहयोग से, इंदौर और दिल्ली-एनसीआर में अब की 56,000 से अधिक बच्चों और किशोरों पर सकारात्मक प्रभाव डाल चुका। कार्यक्रम का उद्देश्य किडनी रोग (सीकेडी) और एनसीडी के प्रति जागरूकता बढाना है।
उन्होंने कहा क्रोनिक किडनी रोग आज एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य महामारी के रूप में उभरा है, जो कि विश्व भर में 10-15 प्रतिशत जनसंख्या को प्रभावित करता है।
श्री जोशी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलसिस कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत मे इंडस्टेज रीनल बीमारी बहोत ही गम्भीर है जिसमे हर साल लगभ 2.2 लाख नये मरीजों का ही इलाज हो पाता है। जिसके कारण 3.4, करोड़ डायलिसिस की मांग बढ़ी है, दुर्भग्यवश, रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी की आवश्यता वाले 90 प्रतिशत से अधिक मरीज इसे वित्तय बाधाओं के कारण नही प्राप्त करपाते हैं, और इलाज शुरू करने वाले 60 प्रतिशत मरीज इसी कारण इसे छोड़ देते हैं इसके अलावा एक कड़वा सच यह भी है कि1.3 सेवा करने के लिये देश केवल 1850 नेफ्रोलॉजिस्ट हैं जो शहरी क्षेत्र में ही केंद्रित हैं। सीकेडी को प्रभावित तरीके से सम्बोधित करना सतत विकास लक्ष्यों को आगे बढाने और भारत की जनसंख्या समग्र स्वस्थ्य और भलाई में सुधार के लिये महत्वपूर्ण है। इसीलिये फ्रेशेनियस मेडिकल केयर इंडिया के साथ मिल कर ग्लोबल पाथफील्डस ने दिल्ली एनसीआर और इंदौर मध्यप्रदेश में पुरानी किडनी रोग (FME-इंडिया) के प्रति जागरूकता और रोकथाम के लिय किडनी किड प्रोजेक्ट बना कर दो चरणों मे लागू किया है पहला अप्रैल से सितंबर 2023 में 21519 और दूसरे चरण जून से दिसम्बर 2024 में 30784 तक लागू किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित छात्रों ने सांस्कृतिक गायेन एवं कथक नृत्य तथा किडनी के प्रति अपने विचार साझा किया तथा मंच संचालन निर्देशक ग्लोबल पाथफील्डस के आशीष प्रोहित किया एवं कार्यशाला की व्यावस्था समस्त ग्लोबल पाथफील्डस की टीम ने किया।
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