दिल्ली के चुनावी दंगल में मुफ्त की वीडियो पर कौन मारेगा बाजी,वीरेंद्र कुमार जाटव
दिल्ली के चुनावी दंगल में मुफ्त की वीडियो पर कौन मारेगा बाजी,वीरेंद्र कुमार जाटव
सहारा सन्देश टाइम्स
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस और भाजपा ने मुफ्त की योजनाओं की बाढ़ लगा दी है. आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान एवं बुजुर्ग सम्मान योजना एवं पुजारी को 18000 रुपए महीने की घोषणा की है. कांग्रेस ने भी लोकलुभवन वादों की झड़ी लगा दी है जिसमें मासिक 8,500 रुपए बेरोजगारों के लिए, 300 यूनिट बिजली मुफ्त योजना, महिलाओं के लिए ₹2500 प्रति माह और ₹500 का गैस सिलेंडर देने का वादा है. भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में महिलाओं के लिए ₹2500 मुफ्त, बिजली 300 यूनिट ,गर्भवती महिलाओं के लिए 21000 और ऐसी योजनाओं की घोषणा की है.एक समय था जब चुनाव में मुफ्त की योजना का कोई महत्व नहीं था. लेकिन उपभोक्तावादी संस्कृति में जनता की नब्ज को देखते हुए सभी राजनीतिक दल मुफ्त की योजनाएं जीत का समीकरण बना रहे हैं.
महाराष्ट्र के चुनाव में महिला सम्मान योजना के माध्यम से शिंदे सरकार के द्वारा की गई योजना बेहद लाभदायक रही और माना जाता है कि महिलाओं के द्वारा जबरदस्त वोटिंग की गई है. जिसका परिणाम यह रहा कि महायुति सरकार को जबरदस्त सफलता मिली। देखा जाए तो जनता के लिए भी यह लाभदायक नजर आती है. जबकि हकीकत में देखा जाए तो जनता के विकास के कार्यों के लिए पैसे का अभाव साफ दिखाई देता है. देश की राजधानी इसका उदाहरण है जहां पर कई मुफ्त योजना लागू की गई है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में सिविक समस्याएं इतनी बड़ी हो गई है जिनको नई सरकार को संभालना इतना आसान नहीं होगा. बारिश के दिनों में कोई ऐसी जगह नहीं दिल्ली में जहां जल भराव ना हो और बड़ी दुर्घटनाएं भी सामने आई जहां जान माल का भारी नुकसान भी हुआ है यदि मुफ्त की योजनाओं की वजह से सरकार बनने लग जाए तो यह राजनीतिक दलों के लिए तो लाभदायक स्थित है क्योंकि बिना विकास किए और इंफ्रास्ट्रक्चर के सत्ता हाथ में आ जाती है लेकिन जनता
को दूरगामी परिणाम पर ध्यान देना चाहिए. मध्यम वर्गीय परिवार जो टैक्स देता है जिसके वजह से मुफ्ती योजनाएं लागू होती है उसको इन योजनाओं का नाम मिलता है. इस तरह की योजनाओं का राज्य सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रतिकूल असर पड़ता है बावजूद इसके मुफ्त की योजनाओं के माध्यम से दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकार इस बात का गवाह है कि जनता को भी मुफ्त की योजनाओं का इंतजार रहता है। दिल्ली में मुक्ति योजना की घोषणा पर कोई भी डाल पीछे नहीं है अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दिल्ली में त्रिकोणी मुकाबला बनता है और त्रिशंकु विधानसभा नजर आएगी.
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
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