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अजमेर दरगाह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है,एडवोकेट चांदनी शाहबानो

अजमेर दरगाह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है,एडवोकेट चांदनी शाहबानो

अजमेर दरगाह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर, सपा और कांग्रेस चुनावों में अपनी हार की खीज संभल हिंसा से निकाला, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने मानवता और लोकतांत्रिक मूल्यों को गहरा आघात पहुंचाया: एडवोकेट चांदनी शाहबानो

सहारा सन्देश टाइम्स

यूपी: लखनऊ, राष्ट्रीय शाह समाज फाउंडेशन इन्डिया की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चांदनी शाहबानो ने कहा कि अजमेर दरगाह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है, और यहां सभी धर्मों के लोग आस्था रखते हैं. उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए कट्टरपंथी अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और सरकार से अपील की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. शाहबानो ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि संभल में हुई हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को जिम्मेदार है. चुनावों में अपनी हार की खीज उतारने के लिए लोगों को भड़काया, अफवाहें फैलाईं और दंगे की साजिश रचकर शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया. उन्होंने इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से अपील की है कि वे न्यायपालिका के प्रति निःसंदेह विश्वास के साथ अमन, शांति, सद्भाव और सौहार्द बनाए रखें.
बताते चलें कि (मुस्लिम राष्ट्रीय मंच) सूफ़ी शाह मलंग प्रकोष्ठ की बतौर राष्ट्रीय सह संयोजिका एडवोकेट चांदनी ने बताया कि प्रकोष्ठ 10 दिसंबर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर लगातार अत्याचार, मंदिरों का विध्वंस, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सामाजिक असहिष्णुता की हो रही घटनाओं के खिलाफ 10 से 16 दिसंबर तक प्रकोष्ठ मानवाधिकार सप्ताह मनाएगा. जिसका उद्देश्य न केवल पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करना है, बल्कि भारत सरकार, बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालकर मंदिरों और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले रुकवाए और प्रभावित हिंदू परिवारों को मानवीय सहायता प्रदान की जाए. इस दौरान देशभर में प्रकोष्ठ विरोध प्रदर्शन करेगा।

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