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भारत के निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान करते हुए सभी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक मर्यादा में रहकर चुनाव प्रचार करें.

भारत के निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान करते हुए सभी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक मर्यादा में रहकर चुनाव प्रचार करें.

 

सहारा सन्देश टाइम्स

भारत के निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान करते हुए सभी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक मर्यादा में रहकर चुनाव प्रचार करें.
मुख्य चुनाव आयुक्त के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी चुनावी पहलुओं को रेखांकित किया है.राजनीतिक दलों की शंकाओं पर भी उन्होंने स्पष्टीकरण दिया है. इस हिसाब से चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस महत्वपूर्ण रही है. भाजपा ने इसका स्वागत किया है वहीं “आप”और कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर कुछ मुद्दों पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं.दिल्ली में कुल 70 विधानसभा हैं जिनमें से 58 सामान्य है और 12 आरक्षित हैं.भाजपा पूरे दम खम से आम आदमी पार्टी को सीधी टक्कर देने के मूड में है. देश के प्रधानमंत्री ने भाजपा के पक्ष में दो शानदार चुनावी रैली और 12000 करोड रुपए की सौगात देकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं. कांग्रेस के लिए यहां स्थित करो या मरो की दिखाई देती है दिल्ली की जनता में भी कांग्रेस की प्रति कोई बड़ा रुझान दिखाई नहीं देता है लेकिन उनकी तैयारी भी कम नहीं है. कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को भी मैदान में उतारा है और चुनावी माहौल को त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश में है. देश के प्रधानमंत्री ने दो रैलियां करके भाजपा के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है जबकि आम आदमी पार्टी ने लगातार चुनावी घोषणाओं के माध्यम से जनता को अपने पाले में करने की कोशिश की है. आम आदमी पार्टी की चुनावी कमान दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने संभाली है कभी दिल्ली में 14% वोट हासिल करने वाली और दो विधायकों वाली बहुजन समाज पार्टी चुनावी त्रिकोण का चौथा कोण बनाने में लग गई है। दिल्ली में करीब डेढ़ करोड़ की मतदाता है जिनके लिए 13000 बूथ बनाए गए हैं. दिल्ली में इस बार मुद्दों की कोई कमी नहीं है. दिल्ली सरकार के खिलाफ की आबकारी नीति, कूड़ा निस्तारण व्यवस्था और शीश महल, दिल्ली की सड़कों की दुर्दशा एवं पीने का पानी की भारी कमी बड़े मुद्दे होने वाले हैं. आम आदमी पार्टी के द्वारा भी दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ जोरदार मुहिम शुरू कर चुकी है, जिसमें दिल्ली में गैंगवार की बढ़ती घटनाओं का मुद्दा बड़ा बनेगा. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री के द्वारा दी गई घोषणाओं पर जनता से वोट लेने की पूरी कोशिश कर चुकी है. कांग्रेस भी जनता के लिए लोक
लुभावन वादों के साथ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के 15 साल के शानदार शासन काल की उपलब्धियां पर वोट मांगेंगे. दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा और दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा, यह 8 फरवरी को स्पष्ट हो जाएगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

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