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भारतीय चलचित्र के सुप्रसिद्ध कलाकार सैफ अली खान के ऊपर पिछले दौरान जानलेवा हमला हुआ था. गनीमत यह रही कि कि सैफ अली खान की जान बच गई और इलाज के बाद कुशल घर पहुंच गए हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटनाक्रम पर महाराष्ट्र ही नहीं देश की राजधानी में भी राजनीति देखने को मिली है. शिवसेना(शिंदे) नेता संजय निरुपम ने के द्वारा की गई टिप्पणी के अलावा दिल्ली में भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है. क्योंकि सैफ अली खान पर हमला करने वाला एक बांग्लादेशी निकला है. यह कहीं ज्यादा अच्छा होता कि जानलेवा घटनाक्रम पर राजनेताओं के द्वारा सैफ अली खान से मिलकर उनको हौसला देते और उनका मनोबल बढ़ाते. सैफ अली खान ने जिस साहस के साथ हमलावर का सामना किया है और ऑटो से अस्पताल पहुंचे थे यह एक साहसी और इच्छा शक्ति वाला व्यक्ति ही कर सकता है. इस तरह के घटनाक्रम पर हमें अनावश्यक बयान नहीं देनी चाहिए. इतना जरूर है कि इस घटनाक्रम की जटिलता को देखते हुए इसकी जांच में तेजी आनी चाहिए. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम ने आम जनता को भी विचलित किया है और जितना जल्दी हो सके इसका खुलासा किया जाना चाहिए अन्यथा कयास लगाने वाले की कमी नहीं है और अफवाह फैलाने वालों की भी कमी नहीं है.

वीरेंद्र कुमार जाटव, राजनीतिक विश्लेषक एवं राष्ट्रीय सचेतक समता सैनिक दल

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