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युद्ध ग्रस्त देशों से छात्रों एवं भारतीय को सकुशल वापसी एक संवेदनशील मुद्दा

युद्ध ग्रस्त देशों से छात्रों एवं भारतीय को सकुशल वापसी एक संवेदनशील मुद्दा

सहारा सन्देश टाइम्स

ईरान और इजरायल के युद्ध के कारण एक बड़ा खतरा भारतीय छात्रों और प्रवासियों पर भी मंडराया हुआ है। ईरान में करीब 3000 भारतीय छात्र हैं और बड़ी संख्या में प्रवासी है. जम्मू कश्मीर में इन छात्रों के परिवारों ने राज्य के मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया कि केंद्र सरकार सहयोग लिया जाए।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार का कहना है कि युद्ध पर पूरी नजर रखी जा रही है और छात्रों और प्रवासियों को सुरक्षा निकालने के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। हम सभी भारतीय उम्मीद करते हैं कि इसराइल और ईरान के युद्ध में सभी भारतीय सुरक्षित रहें और समय रहते घर वापसी हो हो जाएगी।

इजराइल में भी बड़ी संख्या में छात्र शिक्षा अध्ययन के लिए जाते रहे हैं और इन छात्रों को भी जरूर निकालना पड़ेगा यदि युद्ध लंबे समय तक चलता है। करीब एक करोड़ की बड़ी आबादी विश्व के खाड़ी देशों में रहती है जहां वह काम धंधे के लिए भी जाते रहे हैं। विश्व समुदाय के द्वारा यदि ईरान इजरायल युद्ध समाप्त नहीं करता तो तो पूरे विश्व में अशांति और तनाव का माहौल बन सकता है, जहां ईरान अंतिम लड़ाई तक की तैयारी की बात करता है वहीं इजरायल ईरान को जला देने की बात कर रहा है।

देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि है यह समय युद्ध का नहीं है यही बात पूरे विश्व को समझना होगा। बुद्ध की धरती से शांति के संदेश जरूर दिया जाना चाहिए और यह समझना चाहिए की युद्ध मानव जाति की प्रगति का सबसे बड़ा अवरोध है।

वीरेंद्र कुमार जाटव, ने राजनीतिक विश्लेषण एवं राष्ट्रीय सचेतक समता सैनिक दल

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